उल्लू ने कहां – तुम चुप रहो, यह मेरी पत्नी है।
जिम्मेदारी लें या आप अपना सबक सीखेंगे।
लोग हर बार उसी समस्याओं के बारे में शिकायत करने, बुद्धिमान व्यक्ति के पास आ रहे हैं। एक दिन उसने उन्हें एक चुटकुला सुनाया और सभी लोग हंसी में झूम उठे।
व्यक्ति विनम्रता से बोला – भगवान, वैसे तो मै समय पर ही पहुंच जाता परन्तु रास्ते में एक बोझ उठाने वाली वृद्ध महिला की मदद करने में, एक वृद्ध गाड़ीवाले के गाड़ी को कीचड़ से निकालने में, और एक अंधी वृद्धा को उसके झोपडी तक पहुंचाने में थोड़ी विलंब हो गयी,
पेंड पर बैठा उल्लू हंस हंसिनी की इन बातों को सुन रहा था।
थोड़ी दूर आगे चलने पर व्यक्ति को एक वृद्ध मिला जिसकी गाड़ी पूरी तरह कीचड़ में फस चुकी थी और उसका निकलना मुश्किल सा हो गया था, व्यक्ति की हिष्ट-पुष्ट शरीर को देखकर उस बुजुर्ग ने उसे आवाज लगाया, बेटा क्या तुम मेरे गाड़ी को कीचड़ से निकालने में मेरी मदद करोगे।
मूर्ख किसान की पत्नी भी सहमत हो गई और उसने अंडों के लिए हंस का पेट काटने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने पक्षी को मार डाला और हंस और पेट को खोला, कुछ भी नहीं बल्कि मास और खून ही मिल पाया। किसान, अपनी मूर्खतापूर्ण गलती को महसूस करते हुए, खोए हुए संसाधन पर रोने लगा!
अकबर बीरबल की कहानियाँ
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बच्चे ने कुछ देर सोचा और कहा, “तो हमारे पास रेगिस्तान की यात्रा के लिए पानी जमा करने के लिए कूबड़ हैं, जब हम रेगिस्तानी रेत में चलते हैं, तो हमें आराम से रखने के लिए गोल पैर, और एक रेगिस्तान तूफान के दौरान रेत और धूल से बचाने के लिए लंबी पलकें । फिर हम चिड़ियाघर में क्या कर रहे हैं? ”
कहानियों के कई रूप हो सकते हैं जैसे – प्रेम, नफ़रत, शौर्य, देश भक्ति, दुःख, ख़ुशी, भुत पिशाच, जासूसी आदि ऐसे कई भाव. आमतौर पर शिक्षाप्रद छोटी- छोटी कहानियाँ, प्रेरणादायक कहानियाँ, जासूसी कहानियाँ पाठको को लुभाती हैं। कहानियाँ छोटे- छोटे बच्चों को सही गलत की पहचान कराती हैं, कहानियों के जरिये उन्हें नीति का ज्ञान होता हैं, कहानियाँ इसलिए इतनी प्रभावशाली होती हैं क्यूंकि उनमें पात्र,संवाद होते हैं, जो दिल और दिमाग में जगह बना लेते हैं जिन्हें व्यक्ति आसानी से स्वीकार कर लेता हैं, याद रख पता हैं। इसी कारण कहानियों को सर्वांगिक विकास के लिए सबसे सुन्दर विधा समझा जाता हैं.
“When I was 40 yrs old, my spouse died of the unusual liver ailment. She was 34. At enough time, we had a ten-calendar year-aged daughter and I was the co-owner of a silkscreen organization in San Francisco. Following her death, I noticed there was a little something greater I needed to do in my everyday living, but experienced no idea what. So, I offered my 50 % of your enterprise to my partner and waited for assistance to grasp what to complete upcoming. My wife experienced an awesome humorousness and, While there have been many tears throughout the three many years of her terminal ailment, there was a lot of laughter.
मार-खाने के डर से गाँधी जी ने अपने माता-पिता से झूठ read more बोला कि कड़ा कही गिर गया है. किन्तु झूठ बोलने के कारण गाँधी जी का मन स्थिर नहीं हो पा रहा था.
मिल देखने के बाद शास्त्रीजी मिल के गोदाम में पहुँचे तो उन्होंने साड़ियाँ दिखलाने को कहा। मिल मालिक व अधिकारियों ने एक से एक खूबसूरत साड़ियाँ उनके सामने फैला दीं। शास्त्रीजी ने साड़ियाँ देखकर कहा- "साड़ियाँ तो बहुत अच्छी हैं, क्या मूल्य है इनका?"